एनएल चर्चा 284 : कोटा में बढ़ते खुदकुशी के मामले और 14 न्यूज़ एंकरों के बहिष्कार का ऐलान
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इस हफ्ते चर्चा में बातचीत के मुख्य विषय राजस्थान के कोटा में छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामले, विपक्षी गठबंधन इंडिया द्वारा 14 न्यूज़ एंकरों के बहिष्कार का ऐलान और उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के एक गांव में पानी पहुंचाने वाली डीएम का तबादला आदि रहे.
हफ्ते की अन्य सुर्खियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के बीना में चुनावी जनसभा में कहा- विपक्षी गठबंधन इंडिया ने सनातन धर्म को खत्म करने का लिया है संकल्प, केरल में निपाह वायरस से प्रभावित होने वालों की संख्या हुई पांच, अमेरिका में आंध्र प्रदेश की एक छात्रा की पुलिस की गाड़ी से हुई दुर्घटना में मौत और संसद के विशेष सत्र में मुख्य चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया से संबंधित बिल पेश किए जाने की घोषणा आदि शामिल रहे.
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में एक कर्नल, मेजर और जम्मू-कश्मीर के डीएसपी समेत चार की मौत, सुप्रीम कोर्ट का गृह मंत्रालय को आपराधिक मामलों में पुलिस की मीडिया ब्रीफिंग से जुड़े दिशानिर्देश बनाने का आदेश, हिमंता बिस्व सरमा के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी को 10 करोड़ रुपये की सरकारी सब्सिडी मिलने के आरोप, एडीआर की रिपोर्ट: 40 प्रतिशत सांसदों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले, कर्नाटक पुलिस ने आज तक के न्यूज़ एंकर सुधीर चौधरी के खिलाफ दर्ज की एफआईआर, कथित गौ रक्षक मोनू मानेसर गिरफ्तारी के बाद राजस्थान पुलिस के हवाले, लीबिया में दो बड़े बांध टूटने से आई बाढ़ और 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत आदि ख़बरें भी हफ्तेभर की सुर्खियों में शामिल रहीं.
इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा और दीप मुखर्जी शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से विकास जांगड़ा ने भी चर्चा में भाग लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरूआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जले के एक गांव में डीएम ने पाइप लाइन के जरिए लोगों तक पानी पहुंचाने की सुविधा उपलब्ध कराई. उसके बाद पहले डीएम दिव्या मित्तल का तबादला करा दिया गया और फिर उनको वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया. मिर्जापुर जिले के भाजपा अध्यक्ष ने शिकायत की कि ये सारे काम ‘हर घर जल योजना’ के तहत हुए थे लेकिन डीएम ने किसी भी जनप्रतिनिधि को निमंत्रित नहीं किया. मुख्यमंत्री को शिकायत भेजने के बाद यह कार्रवाई की गई. वहीं, पाइपलाइन को भी अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया और गांव फिर से पानी से वंचित हो गया. इसके बार में आप क्या सोचती हैं?”
इसके जवाब में स्मिता कहती हैं, “सीधे तौर पर यह सत्ता का घमंड है. सत्ता का नशा इंसान को बहुत जल्दी भ्रष्टाचारी बनाता है. हमारे समाज के नेताओं में सहानुभूति का अभाव है. उनको भरोसा है कि सिर्फ वो मशीन में पड़ने वाले वोट से नहीं जीतते हैं बल्कि सत्ता, पैसे की ताकत और जातीय समीकरण से चुनाव जीतते हैं. आज के नेताओं के पास किसी भी तरह से वोट के परिणाम को अपने पक्ष में करने की ताकत मिल गई है. जिससे उनमें सत्ता का घमंड आ गया है.”
इस विषय पर अपने विचार रखते हुए दीप कहते हैं, “अक्सर यह देखा जाता है कि किसी भी काम के शिलान्यास का क्रेडिट लेने के लिए जनप्रतिनिधि हमेशा तैयार रहते हैं. इसका इस्तेमाल वो चुनावी लाभ के लिए करते हैं. पाइपलाइन का तोड़े जाना साफ-साफ बताता है कि इन जनप्रतिनिधियों को सत्ता का कितना घमंड है. वो लोग उम्मीद करते हैं किसी भी काम का उद्घाटन हो तो प्रशासन के अधिकारी उनको बुलाएं. लेकिन ऐसा ज़रूरी नहीं है कि अधिकारी उनको बुलाएं ही.”
इसके अलावा कोटा में छात्रों की बढ़ती आत्महत्याओं और गठबंधन द्वारा 14 न्यूज़ एंकरों के बहिष्कार पर भी विस्तार से बातचीत हुई. सुनिए पूरी चर्चा-
टाइम्स कोड्स
00:00 - 04:15- इंट्रो और ज़रूरी सूचना
04:20 - 22:31 - सुर्खियां
22:38 - 52:20 - कोटा में बढ़ती छात्रों की आत्महत्याएं
52:25 - 1:07:08 - इंडिया गठबंधन द्वारा टीवी एंकरों का बहिष्कार
1:07:08 - सलाह और सुझाव
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