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Nyaaya is an open access, digital resource that provides Simple, Actionable, Recallable and Authoritative Legal (SARAL) information to young Indians, helping them solve day-to-day legal problems so that they are aware of their rights and feel empowered to seek justice. This channel contains audio files of our law explainers.
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यदि कोई पुलिस अधिकारी आपकी शिकायत स्वीकार नहीं करता है तो आप अपनी शिकायत लिखकर पुलिस अधीक्षक को भेज सकते हैं।
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एक बार जब आपने अपराध की सूचना एफआइआर दर्ज करके दे दी, तो इसके बाद प्रभारी अधिकारी को यह रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को भेजनी होगी, जो बिना किसी अनावश्यक देरी के मामले पर ध्यान देंगे और जांच को आगे बढ़ाएंगे।
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यदि आप निम्नलिखित में से किसी अपराध के बारे में जानकारी देना चाहते हैं तो ऐसी जानकारी किसी महिला पुलिस अधिकारी या किसी अन्य महिला अधिकारी को ही दर्ज करानी होती है:
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आप, ‘भरण-पोषण न्यायधिकरण’ (मेंटीनेन्स ट्रिब्यूनल) में ‘माता पिता और वरिष्ठ नागरिक के भरण-पोषण एवं देखभाल’ अधिनियम, 2007 के तहत अर्जी दे सकते हैं।
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अपने संतानों या रिश्तदारों को, मासिक आधार पर अस्थायी भरण-पोषण का भुगतान करने का आदेश देने के लिए, आप न्यायालय में अर्जी दे सकते हैं।
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‘आपराधिक प्रक्रिया संहिता’ की धारा 125 के तहत यदि पर्याप्त संसाधनों वाला कोई व्यक्ति अपने माता-पिता को, जो अपने भरण-पोषण के लिये स्वयं को असमर्थ पाते हैं,
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जैविक/दत्तक माता-पिता जो हिंदू, बौद्ध, जैन या सिख हैं और वृद्ध हैं
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यदि आप किसी वरिष्ठ नागरिक को किसी स्थान पर छोड़ देते हैं परित्याग करने के विचार से
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भारतीय कानून के अनुसार, परिस्थितियों के आधार पर, सभी व्यक्तियों को अपने माता-पिता के भरण-पोषण और आश्रय की जिम्मेदारी लेना आवश्यक है, चाहे वो उनके जैविक माता-पिता हों, सौतेले हों, या दत्तक हों।
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माता-पिता के भरण-पोषण का कर्तव्य किसी व्यक्ति के लिये, स्वयम् के मृत्यु के बाद भी रहती है।
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यदि कोई छात्र किसी अन्य छात्र की रैगिंग करते पकड़ा जाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
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कोई भी छात्र ऍण्‍टी-रैगिंग कमेटी द्वारा दी गयी किसी भी सजा के खिलाफ अपील कर सकता है।
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यदि आपकी रैगिंग की जा रही है, तो आप कॉलेज के अधिकारियों, राष्ट्रीय हेल्पलाइन या पुलिस से शिकायत कर सकते हैं।
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रैगिंग रोकना कॉलेज का कर्तव्य है। सभी कॉलेजों / विश्वविद्यालयों को परिसर के भीतर और बाहर, दोनों जगहों पर रैगिंग खत्म करने के लिए सभी उपाय करने होंगे।
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रैगिंग को रोकने के लिए, प्रत्येक कॉलेज और विश्वविद्यालय को निम्नलिखित प्राधिकारणों का गठन करना चाहिये
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छात्रों के अनेक कृत्‍यों को कानून के तहत रैगिंग माना जाता है। रैगिंग के रूप में माने जाने वाले कुछ कृत्‍य हैं-
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एक शिक्षण संस्थान के किसी अन्य छात्र के खिलाफ एक छात्र द्वारा किये गये किसी भी शारीरिक, मौखिक या मानसिक दुर्व्‍यवहार को रैगिंग कहते हैं।
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नाबालिग या दिमागी रूप से अस्वस्थ व्यक्ति के निकाह के लिए संविदा करने का अधिकार संरक्षकों को निम्नलिखित समूहों के अंतर्गत मिलता है I
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निकाह की वैधता को निकाहनामा के माध्यम से जांचा जा सकता है, जिसे धार्मिक रूप से मान्य इस्लामी निकाह का अभिन्न अंग माना जाता है।
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कानून के तहत कुछ रिश्ते प्रतिबंधित हैं। इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति कुछ विशेष प्रकार के रिश्तेदारों से निकाह नहीं कर सकता है।
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निकाह को वैध बनाने के लिए कुछ जरूरी कदम हैं जिनका पालन आवश्यक है I
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निकाह, कानूनी रूप से इस्लामी निकाह तब माना जायेगा जब वह निम्नलिखित शर्तों को पूरा करेगा I
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किसी एक पक्ष द्वारा या उसकी ओर से निकाह का प्रस्ताव दिया जाना चाहिए और दूसरे पक्ष द्वारा यह प्रस्ताव स्वीकार किया जाना चाहिए ।
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इस्लामिक कानूनों की कई विचारधाराएं हैं। इस्लामी विवाह पर कानून विद्वानों द्वारा कुरान की व्याख्या से आता है।
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निकाह, इस्लामिक कानून के तहत एक संविदा (कॉन्ट्रेक्ट) होता है।
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First Information Report (FIR) is a written document prepared by police when they receive information about any criminal offence. It is a complaint lodged by the victim or by someone on their behalf and sets the process of criminal justice in motion.
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जमानत एक अपराध के आरोपी व्यक्ति की अदालत द्वारा अस्थायी रिहाई है। न्यायालय आरोपी व्यक्ति को इस शर्त पर जेल से बाहर रहने की अनुमति देता है कि वे जब भी आवश्यक हो न्यायालय के समक्ष पेश होंगे और कोई अपराध नहीं करेंगे। ज्यादातर मामलों में जहां जमानत दी जाती है, एक राशि या संपत्ति को अदालत में इस गारंटी के रूप में जमा करना पड़ता है कि व्यक्ति जब भी आवश्य…
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किसी आपराधिक जुर्म की सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस द्वारा तैयार की गई लिखित दस्तावेज, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) होती है। यह जुर्म के शिकार व्यक्ति द्वारा, या उसकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत होती है और इससे ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया की शुरुआत होती है। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता …
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किसी आपराधिक जुर्म की सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस द्वारा तैयार की गई लिखित दस्तावेज, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) होती है। यह जुर्म के शिकार व्यक्ति द्वारा, या उसकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत होती है और इससे ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया की शुरुआत होती है। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता …
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किसी आपराधिक जुर्म की सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस द्वारा तैयार की गई लिखित दस्तावेज, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) होती है। यह जुर्म के शिकार व्यक्ति द्वारा, या उसकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत होती है और इससे ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया की शुरुआत होती है। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता …
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किसी आपराधिक जुर्म की सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस द्वारा तैयार की गई लिखित दस्तावेज, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) होती है। यह जुर्म के शिकार व्यक्ति द्वारा, या उसकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत होती है और इससे ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया की शुरुआत होती है। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता …
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किसी आपराधिक जुर्म की सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस द्वारा तैयार की गई लिखित दस्तावेज, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) होती है। यह जुर्म के शिकार व्यक्ति द्वारा, या उसकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत होती है और इससे ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया की शुरुआत होती है। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता …
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किसी आपराधिक जुर्म की सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस द्वारा तैयार की गई लिखित दस्तावेज, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) होती है। यह जुर्म के शिकार व्यक्ति द्वारा, या उसकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत होती है और इससे ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया की शुरुआत होती है। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता …
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किसी आपराधिक जुर्म की सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस द्वारा तैयार की गई लिखित दस्तावेज, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) होती है। यह जुर्म के शिकार व्यक्ति द्वारा, या उसकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत होती है और इससे ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया की शुरुआत होती है। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता …
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