Player FM - Internet Radio Done Right
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Krishi Jagran is an acclaimed Audio channel from Krishi Jagran media group, to support the farming sector. We provide online detailed information on Agriculture, post-harvest management, livestock, farm mechanization, and crop advisory, etc. Apart from this Krishi Jagran also provides all recent updates of the agriculture sector, events, and market prices.
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50 قسمت
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×जिन किसानों के पास है कम जमीन, वो खेती के साथ इस तरह कमा सकते हैं अच्छा पैसा --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message
खेती करने वाली मशीनों पर मिल रही 40 से 50 प्रतिशत तक की छूट, जल्द करें ये काम --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message
कमाना है कम समय में भारी मुनाफा, तो ऐसे करिए मछली पालन --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message
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1 PM Kisan Maan Dhan Yojana: किसानों को साल में 6 हजार के अलावा मिलेंगे 3 हजार रुपए, जल्द कराएं रजिस्ट्रेशन 2:07
PM Kisan Maan Dhan Yojana: किसानों को साल में 6 हजार के अलावा मिलेंगे 3 हजार रुपए, जल्द कराएं रजिस्ट्रेशन --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message
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महाराष्ट्र की उद्धव सरकार द्वारा बजट ( 2021-22 ) पेश किया जा चुका है. इस बजट की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ हुई, तो वहीं वित्त मंत्री अजित पवार ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कई बड़े ऐलान किए. इस बजट में राज्य के किसानों को बड़ी राहत दी गई है. खास बात यह है कि अब किसानों को खेती के लिए 3 लाख रुपए तक कर्ज पर कोई ब्याज नहीं देना होगा . महाराष्ट्र बजट 2021-22 में किसानों के लिए बड़े ऐलान • अगर किसान 3 लाख रुपए तक फसल कर्ज समय पर वापस करते हैं, तो ब्याज सरकार भरेगी. • बजट में कृषि, पशुपालन, दुग्ध व्यवसाय और मत्स्य व्यवसाय के लिए 3 हजार 274 करोड़ रुपए का प्रावधान है • कृषि उत्पन्न बाजार समिति के लिए 2 हजार करोड़ रूपए की योजना बनाई गई है. जिसके द्वारा सुधार किया जाएगा. • किसानों को बकाया बिजली बिल में 33 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, साथ ही बची राशि में से 50 प्रतिशत मार्च 2022 तक भरने पर बची हुई 50 प्रतिशत राशि माफ की जाएगी. • किसानों को कृषि पंप बिजली के लिए महावितरण कंपनी को हर साल 1 हजार 500 करोड़ रुपए का प्रावधान है • किसानों को 44 लाख 37 हजार मूल बकाया रकम का 66 प्रतिशत यानी 30 हजार 411 करोड़ रुपए माफ होगा. • अगले 3 सालों में राज्य के 4 कृषि विश्व विद्यालयों को रिसर्च के लिए 600 करोड़ रुपए का प्रावधान है. • शरद पवार ग्राम समृद्धि योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में गाय भैंस के लिए पक्की पशुशाला, कुक्कुट पालन शेड और कंपोस्टिंग के लिए अनुदान की योजना बनाई गई है. • कृषि उपज के लिए बाजार और मूल्य श्रृंखला के निर्माण के लिए 2 हजार 100 करोड़ रुपए की बालासाहेब ठाकरे कृषि व्यवसाय व ग्रामीण परिवर्तन परियोजना बनाई गई है. --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message…
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1 9 लाख किसानों के लिए है बुरी खबर, रद्द हो गए इनके फसल बीमा क्लेम, इसलिए रखें इन बातों का ध्यान 2:11
आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि प्राकृतिक आपदाओं का शिकार होकर किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती है, जिसकी वजह से किसान इस नुकसान को बर्दाश नहीं कर पाते और मौत को गले लगा लेते हैं. इन्हीं सब घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फसल बीमा योजना की शुरूआत की है. इस योजना का ध्येय आप समझ गए होंगे, जैसे कि इसके नाम से ही प्रतीत हो रहा है. दरअसल, इस योजना के तहत किसानों के फसलों का बीमा कराया जाता है और किसी भी प्रकार का नुकसान होने पर बीमा कंपनी किसानों को हर्जाना देती हैं, लेकिन हम आपको जो खबर बताने जा रहे हैं. वो दरअसल ये नहीं है. खबर तो यह है कि केंद्र सरकार की तऱफ से 9 लाख लोगों का बीमा क्लेम रद्द कर दिया गया है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक, केंद्र सरकार की तरफ से 9,28 और 870 क्लेम को रद्द कर दिया गया है. लिहाजा, अगर आपने भी फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत करवाया है, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. आपने अगर इन जरूरी बातों का ध्यान नहीं रखा, तो आप भी इस जमात में शामिल हो सकते हैं, लिहाजा कहीं आपका भी इस जमात में नाम शामिल न हो जाए. इसलिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. इन बातों का रखें ध्यान ओलावृष्टि, भू-स्खलन, अतिवृष्टि, बादल फटने, प्राकृतिक आग जैसी स्थिति में नुकसान की गणना बीमित खेती के आधार पर की जाती है, इसलिए किसानों को अपनी फसलों को हुए नुकसान की जानकारी फौरन बीमा कंपनी को देनी चाहिए. अगर आपने फसलों का बीमा करवाने के दौरान कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा, तो फिर आप इस बीमा का लाभ नहीं उठा पाएंगे. उदारहण के लिए अगर आप दावों की सूचना देर से देते हैं, तो संभवत: आपको अपनी फसलों का हर्जाना नहीं मिल पाएगा. क्लेम करने के लिए किसान को बीमा कंपनी या फिर कृषि विभाग के अधिकारी से संपर्क करना होगा. बता दें कि अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखते तो संभव है कि आप फसल बीमा योजना के लाभ से वंचित रह सकते हैं. --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message…
अगर आप अमीर बनने का प्लान बना रहे हैं और एक अच्छे बिजनेस की तलाश में हैं, तो फिर यकीन मानिए, सूअर पालन आपके लिए एक अच्छा बिजनेस साबित हो सकता है. क्यों चौंक गए न...अब आपके जेहन में यह सवाल उठा रहा होगा कि आखिर कोई सूअर पालन करके चंद समय में ही कैसे धनकुबेर बन सकता है? जी हां...आपका यह सोचना मुनासिब है, लेकिन अगर आपने हमारी इस रिपोर्ट में दी गई अहम जानकारियों को अपने जीवन में लागू कर लिया है, तो यकीन मानिए आपको दुनिया की कोई भी ताकत धनकुबेर बनने से नहीं रोक सकती कुछ धारणाएं, जो अब हो रही हैं गलत आपको बता दें कि कल तक हमारे समाज में सूअर पालन को लेकर कुछ धारणाएं थी, जो अब समय के साथ- साथ ध्वस्त होती जा रही है. सूअर पालन के संदर्भ में शुरू से यही कहा गया है कि यह कारोबार महज छोटी जाति के लोगों द्वारा किया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब तो यह लोगों की आर्थिक उन्नति का जरिया बन चुका है. कम पूंजी में ज्यादा मुनाफा: अर्थ के लिहाज से सूअर पालन का कारोबार बेहद फायदेमंद माना जाता है, वो इसलिए क्योंकि सूअर पालन करने के लिए आपको ज्यादा पूंजी की आवश्यकता नहीं होती. राष्ट्रीय शूकर अनुसंधान केंद्र के मुताबिक, आप तकरीबन 50 हजार रूपए की पूंजी से यह कारोबार शुरू कर सकते हैं. वहीं, अगर इसके एवज में कमाने वाले मुनाफे की बात करें, तो वो भी बहुत शानदार है. क्योंकि, सूअर पालन के कारोबार के संचालन में भी बहुत कम पूंजी की आवशयकता होती है. सूअर पालन करने में आपको ज्यादा धन की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्योंकि, सूअर अपशिष्ट पदार्थ खाकर ही अपना पेट भर लेते है, लेकिन अन्य जानवर को पालने में ऐसा नहीं होता है. तीव्र वृद्धि : साथ ही सूअर पालन का सबसे बड़ा लाभ यह भी है कि सूअर के बच्चे कम अवधि में ही विकसित हो जाते हैं. इनके अंदर वृद्धि करने की अद्भुत क्षमता होती है. अन्य जानवरों में वृद्धि होने में बहुत ज्यादा समय लगता है, लेकिन सूअर पालन बहुत ही कम समय में वृद्धि करने लग जाते हैं. वहीं, एक सूअर का बच्चा महज 7 से 8 महीने में प्रजनन क्षमता को विकसित कर लेता है. प्रजनन क्षमता: वहीं, उनके प्रजनन क्षमता की बात करें, तो विशेषज्ञों के मुताबिक, एक मादा सूअर महज 114 से 115 दिनों में तकरीबन 6 से 7 बच्चे को जन्म दे देती हैं, जो कि एक कारोबारी के लिए अर्थ के लिहाज से बहुत लाभदायक है. अत्याधिक मात्रा में मांस: सूअर में अत्याधिक मात्रा में मांस प्राप्त होता है. समान्यत: अगर सूअर का वजन 100 किलोग्राम है, तो आप उससे 60 से 70 किलो मांस प्राप्त कर सकते हैं. लिहाजा, बतौर मांस विक्रेता भी आप सूअर पालन कर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. सूअर पालन करते समय रखें इन बातों का ध्यान अगर आप सूअर पालन करने जा रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जैसे आप एक साफ और सुरक्षित जगह का चयन कर लें. ध्यान रहे कि आप जिस जगह का चुनाव करने जा रहे हैं, वहां लोगों का ज्यादा आना-जाना न हो. कोशिश करें कि आपको ग्रामीण इलाके में जगह मिल जाए, चूंकि इन इलाकों में मजदूर सस्ती दर पर मिल जाते हैं. सूअर की कुछ प्रमुख नस्लें लार्ज वाइट लार्कशायर, मिडल वाइट लार्कशायर, लैंडरस, हैंपशायर, स्वदेशी किस्म और एचएक्स 1 इसी के साथ अधिक जानकारी के लिए आप राष्ट्रीय सूकर अनुसंधान केंद्र के टोल फ्री नंबर 1800 180 1551 पर संपर्क कर सकते हैं। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message…
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मौजूदा वक्त में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अपने शबाब पर है, लेकिन सरकार का तो रूख साफ है कि इन कानून को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा। उधर, किसानों ने भी साफ कर दिया है कि जब तक इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक हमारा यह आंदोलन यथावत जारी रहेगा। इसे लेकर तरह-तरह की प्रतक्रियाएं सामने आ रही है। एक ओर जहां कुछ लोग किसानों के पक्ष में आकर सरकार के इन कानूनों की आलोचना कर रहे हैं, तो वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो इन कानूनें का पक्ष लेते हुए इस आंदोलन की आलोचना कर रहे हैं। इस बीच अब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन दिवसीय पूसा मेले के दौरान देशभर से आए किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार किसानों की उन्नति करने की दिशा में प्रयासरत है। हमारा लक्ष्य किसानों को पल्लवित करना है। वहीं, मौजूदा वक्त में जारी कृषि कानून के संदर्भ में अपना बयान जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कानून किसानों के हित में है। इस कानून के माध्यम से किसानों के विकास को एक नई रफ्तार मिंलेगी। यह आज की तारीख में किसानों की जरूरत है। किसानों की जरूरत है यह कानून केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज की तारीख में यह कानून किसानों की जरूरत बन चुकी है। अगर समय रहते हमने किसानों की इस जरूरत को पूरा नहीं किया तो हमारे किसान पीछे चले जाएंगे। उन्होंने अन्य देशों का हवाला देते हुए कहा कि दूसरे देशो में समय-समय किसानों को विकसित करने की दिशा में नए कानून लाए जाते रहें हैं, जिनका उनको विकसित करने की दिशा में अहम किरदार रहा है। अगर वे भी इस तरह विरोध करते, तो आज वे विकसित नहीं होते। उन्होंने कहा कि किसानों को विकसित करने की दिशा में यह कानून यकीनन बेहद अहम किरदार अदा करेंगे। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, कुछ लोगों के गुमराह करने की वजह से किसान इन कानून का विरोध कर रहे हैं। पूसा मेले को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि आज की तारीख में तकरीबन 86 फीसद किसानों के पास दो हेक्टेयर से कम की भूमि है। लिहाजा, किसी बड़े निवेश के अभाव में दुर्दिन जीवन जीने को बाध्य है। निवेश न होने की वजह से किसानों को कोई फायदा हो नहीं पाता है, और उनकी खेती डूब जाती है, जिसके चलते उन्हें सही लाभ नहीं मिल पाता है। नतीजा यह होता है कि अंत में किसान खेती- बाड़ी से परित्याग कर शहरों का रूख करते हैं, जिससे किसानों का पलायन शुरू हो जाता है। अगर किसानों के पलायन का यह सिलसिला यूं ही जारी रहा तो फिर वो दिन दूर नहीं जब इंसानी वजूद पर संकट के बादल मंडराने लग जाएंगे। लिहाजा, केंद्र सरकार द्वारा लाए गए यह कानून किसानों के लिए हितकारी साबित हो सकते हैं। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message…
राजस्थान के सीकर जिले में खजूर की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग की तरफ से किसानों को एक खास तोहफा दिया जा रहा है. दरअसल, कृषि विभाग की तरफ से किसानों को खजूर की खेती पर अनुदान दिया जाएगा. इस तरह किसान अपने खेतों में खजूर के पौधे लगाकार बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं. उद्यान विभाग द्वारा यह अनुदान राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत टिश्यूकल्चर तकनीक से उत्पादित खजूर के पौधे लगाने पर मुहैया कराया जाएगा. बता दें कि इस योजना के तहत खजूर का बगीचा लगाने पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. 10 हेक्टेयर का लक्ष्य • सामान्य वर्ग के लिए 5 हेक्टेयर • अनुसूचित जाति के लिए 3 हेक्टेयर • अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 2 हेक्टेयर • किसान को खेती की जमाबंदी, नक्शा ट्रेस, स्थाई सिंचाई स्त्रोत का प्रमाण-पत्र, बैंक खाते की डिटेल, मिट्टी-पानी का जांच रिपोर्ट, आधार व भामाशाह कार्ड के साथ पत्रावली ऑनलाइन करवाकर कार्यालय सहायक निदेशक उद्यान में भेजना है. आपको बता दें कि राज्य में अनुदान पर खजूर की खेती के लिए सिर्फ 2 जगह पौधे लगाए जा सकते हैं. इसमें जोधपुर और जैसेलमेर का नाम शामिल है. बता दें कि जोधपुर में टिश्यू कल्चर से पौधे तैयार किए जाते हैं, जिनकी कीमत 3250 रुपए है. इसके साथ ही जैसलमेर में खजूर अनुसंधान केन्द्र ऑफ शूट पद्धति से पौधे तैयार किए जाते हैं, जिनकी कीमत 1450 रुपए है. हर पौधे को इकाई माना गया है. इस पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा है. इसका लाभ उठाने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसमें किसान वर्ग से जुड़े कई प्रकार के दस्तावेज की आवश्यकता होगी. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और हार्डकॉपी उद्यान विभाग के कार्यालय में पेश करनी होगी. इसके बाद किसान अनुदान का लाभ उठा सकेंगे. --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message…
देशभर में कई प्रकार की सब्जियां उगाई जाती हैं, लेकिन आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि एक ही पौधे में 2 सब्जियां उगाई जा सकती हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि एक पौधे में 2 सब्जियां कैसे उगाई जा सकती हैं, तो हम आपको बता दें कि वाराणसी के वैज्ञानिकों ने ऐसा कर दिखाया है. दरअसल, वाराणसी के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिकों ने एक शोध किया है. इस शोध के मुताबिक, एक ही पौधे में 2 तरह की सब्जियां उगाकर दिखाई हैं. बता दें कि वैज्ञानिकों ने जो शोध किया है, उसमें टमाटर के पौधे में बैंगन के पौधे को कलम करके उसे एक ही पौधे में उगाया जा रहा है. इस शोध में शामिल वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे विशेष पौधे 24 से 28 डिग्री तापमान में 85 प्रतिशत से अधिक आर्द्रता और बिना प्रकाश के नर्सरी में तैयार किए जा सकते हैं. इसके साथ ही ग्राफ्टिंग के 15 से 20 दिन बाद इसे जमीन में बोया जा सकता है. इसके लिए पानी, उर्वरक और कांट- छांट करनी होती है. बता दें कि इन पौधों को फल देने में 60 से 70 दिन का समय लग जाता है. इस तकनीक का इस्तेमाल साल 2013 से शुरू हो गया था. उन इलाकों के किसानों को इस तकनीक से ज्यादा फायदा होता है, जहां बारिश के बाद कई दिनों तक पानी भरा रहता है. जो लोग अपनी छत पर सब्जी उगाना चाहते हैं, उनके लिए ये तकनीक काफी खास है. इस शोध को काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है, क्योंकि भारतीय सब्जी अनुसंधान में ग्राफ्टिंग विधि द्वारा एक ही पौधे में टमाटर, बैंगन और आलू की पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि हम ग्राफ्टिंग विधि द्वारा बैगन की जड़ में टमाटर और बैंगन के पौध की कलम बनाकर खेती कर रहे हैं. सबसे पहले एक पौधे से आलू और टमाटर पैदा किए गए. इसके बाद अब बैगन और टमाटर भी पैदा कर लिए गए हैं. अब हमारा लक्ष्य एक पौधे से आलू, टमाटर और बैगन पैदा करना है. --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message…
एक तो पहले से ही आम जनता महंगाई की मार से त्रस्त है, लेकिन पिछले दो दिनों में जिस तरह प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं, उससे आम जनता अब बेहाल हो चुकी है. आलम यह है कि कल तक प्याज खाने का शौक रखने वाले लोग अब इससे दूरियां बनाने लगे हैं. कल तक प्याज की बेहिसाब खरीदारी करने वाले लोगों को अब अपने बजट की चिंता सताने लगी है. पिछले दो दिनों में प्याज के दाम 60 से 70 रूपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गए हैं. देश के विभिन्न मंडियों में प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं. दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित महाराष्ट्र में भी प्याज के दाम अपने चरम पर पहुंच चुके हैं. महाराष्ट्र में प्याज के कारोबारी कहते हैं कि पिछले दिनों हुई बेमोसम बारिश की वजह से प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं. पिछले दो दिनों में प्याज के दाम में 10 से 20 रूपए की वृद्धि दर्ज की गई है. एशिया की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव में एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी में प्याज का औसत भाव 970 रूपए प्रति क्विंटल बढ़कर 42,00 से 45,00 रूपए तक पहुंच गया है. बता दें कि महाराष्ट्र के लासलगांव से ही प्याज को पूरे देश में पहुंचाया जाता है, लेकिन बीते दिनों हुई बारिश की वजह से अभी मंडियों में प्याज की आवक कम हो गई है. स्थानीय कारोबारी कहते हैं कि यह सिलसिला अगर यूं ही जारी रहा तो फिर वो दिन दूर नहीं, जब कम आय वाले लोगों के लिए प्याज खाना स्वपन सरीखा हो जाएगा. उधर, अगर राजधानी दिल्ली में प्याज के दाम की बात करें, तो यहां भी प्याज ने सभी के आंसू निकालकर रख दिए हैं. पिछले दो दिनों में यहां प्याज के दाम तेजी से बढ़े हैं. मौजूदा समय में दिल्ली के खुदरा बाजार में प्याज के दाम 60 रूपए किलो चल रहा है. इस महीने ऐसा दूसरी बार होने जा रहा है, जब प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं. आजादपूर मंडी के कारोबारियों के मुताबिक, मंडी में प्याज के आवक की कमी की वजह से इनके दाम आसमान छू रहे हैं। बीते दिनों जहां पहले प्याज के दाम 20 से 30 रूपए प्रति किलो पर बिक रहा था. वहीं, अभी यह 60 से 70 रूपए किलो बिक रहा है. वहीं, उत्तर प्रदेश की मंडिंयों में भी प्याज के दाम अपने चरम पर पहुंच चुके हैं. आम जनता बेहाल है. कल तक प्याज की जमकर खरीदारी करने वाले ग्राहक आज प्याज खरीदने से बच रहे हैं.. इतना ही नहीं, गोरखपुर में तो प्याज की कीमत दोगुनी हो गई है. एक महीने पहले जहां प्याज की कीमत 25 रूपए किलो के आसपास थी. वहीं, आज इसकी कीमत 45 से 50 रूपए किलो पर पहुंच चुकी है. उधऱ, झारखंड में भी प्याज ने सभी को रूलाकर रख दिया है. बीते दिनों प्याज की कीमत में 24 रूपए की वृद्धि दर्ज की गई थी. वहीं, फिर कब तक आएगी प्याज की कीमत में नरमी? इस सवाल का जवाब देते हुए कारोबारी कहते हैं कि अभी इसमें 10 से 15 दिन का समय लग सकता है. गौरतलब है कि बीते दिनों हुई ओलावृष्टि से प्याज की फसल काफी मात्रा में खराब हुई, जिसके चलते मंडियों में इसकी आवक कम हो गई, और अब इनके दाम आसमान छूने पर अमादा हो चुके हैं. --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message…
हिमाचल प्रदेश के किसान कई फसलों की खेती प्रमुख रूप से करते हैं. इसमें अदरक की खेती भी किसानों की आय का मुख्य साधन है. हिमाचल सरकार की तरफ से अदरक की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई अहम योजनाएं भी शुरू की गई हैं. दरअसल, कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कृषि विभाग के माध्यम से सिरमौर में अदरक का बीज खरीदने पर सब्सिडी की सुविधा प्रदान की है. अदरक के बीज पर किसानों को 16 रुपए प्रति किलो के हिसाब से सब्सिडी दी जा रही है. इसके तहत नवीनतम और उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके प्रति जागरूक करने के लिए कई कार्यशालाएं और प्रशिक्षण शिविर भी लगाए जा रहे हैं. सिरमौर जिले में सबसे ज्यादा अदरक उत्पादन किया जाता है, इसलिए यहां सिरमौर की हिमगिरी और अन्य देसी किस्मों को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है. जिले में लगभग 6 हजार किसान परिवार अदरक की खेती करते हैं. जिले के पच्छाद, राजगढ़, नाहन, पांवटा साहिब, संगड़ाह और शिलाई जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में अदरक का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है. बता दें कि पांवटा साहिब व संगड़ाह क्षेत्रों में कुल उत्पादन का 55 प्रतिशत उत्पादन होता है. मौजूदा समय में अदरक का लगभग 16,650 मीट्रिक टन उत्पादन किया जा रहा है. बता दें कि आने वाले 5 सालों में जिले में अदरक का उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है. इस समय अदरक उत्पादकों को सड़न का रोग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, मार्केटिंग जैसी मुख्य समस्याएं का सामना करना पड़ रहा है. हालाकिं, सरकार इन समस्याओं को सुलझाने का प्रयास कर रही है. इसके साथ ही जिले में अदरक प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का प्रयास भी किया जा रहा है. --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message…
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Krishi Jagran
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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी शुक्रवार को चौहटन विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर रहे. इस दौरान कृषि राज्यमंत्री चौधरी ने विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हुए आमजन से संवाद किया. कैलाश चौधरी ने सबसे पहले सुबह बालेरा गांव में कुबड़ माताजी मन्दिर के 15वें वार्षिक पाटोत्सव में भाग लिया और पूजा-अर्चना कर उपस्थित संत-समुदाय से आशीर्वाद प्राप्त किया. इसके बाद कैलाश चौधरी ने चौहटन में शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित सूर्य सप्तमी महोत्सव में भाग लिया. धार्मिक अनुष्ठानों के लिए आयोजकों को बधाई देते हुए कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजन से आस-पास के इलाके में सुख शांति का वास होता है और आने वाली नई पीढ़ियों को अपने धार्मिक विरासत से जोड़ने के लिए ऐसे आयोजन एक महत्वपूर्ण कदम है. धर्म के प्रचार प्रसार से ही एक आदर्श समाज बनाया जा सकता है तथा एक अच्छे सामाजिक वातावरण के लिए हम सभी लोगों को ऐसे आयोजनों में अपना योगदान देना होगा. कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार ने 70 साल बाद जम्मू कश्मीर को धारा 370 और करीब 500 साल बाद राजनीतिक जंजीरों में जकड़े अयोध्या के राम मंदिर को आजाद कराया है. इसके बाद केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने चौहटन के पंचायत समिति सभागार में सीमावर्ती क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानी तेजुराम मेघवाल के संघर्षशील जीवन पर डॉ. मेघाराम गढ़वीर द्वारा लिखी गई पुस्तक "ढाट के गांधी - तेजूराम मेघवाल" का विमोचन किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री चौधरी ने स्वतंत्रता सेनानी के आदर्श जीवन से सबको अवगत कराने के लिए लेखक डॉ. एमआर गढ़वीर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देश में आज लोकतंत्र इन महान स्वतंत्रता सेनानियों की वजह से है. इन्होंने कष्ट सहते हुए देश को लम्बी गुलामी से छुटकारा दिलाया. हमें सदैव इनके जीवन चरित्र को याद रखते हुए देश के प्रति अपने कर्तव्य निभाने चाहिए. इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष आदूराम मेघवाल, पूर्व विधायक तरूणराय कागा, डॉ. एमआर गढ़वीर, चौहटन प्रधान रूपाराम सारण, मगसिंह राजपुरोहित और एडवोकेट रूपसिंह सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. संवाद और समाधान के लिए सरकार हर समय तैयार इसके बाद केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी के दो दिवसीय चौहटन मण्डल के प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया और कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया. कार्यक्रम में कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से अब भी बात करना चाहती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में कह चुके हैं कि सरकार तीनों कानूनों पर सिलसिलेवार बात करना चाहती है. कैलाश चौधरी ने कहा कि हम लगातार आंदोलनकारी किसानों के संपर्क में हैं. भारत सरकार कृषि कानूनों पर उनके साथ बात करने के लिए तैयार है. बजट में कृषक समुदाय के कल्याण के लिए कई योजनाओं का प्रस्ताव किया गया है. --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message…
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1 India Post GDS Recruitment 2021: भारतीय डाक विभाग ने कई पदों पर निकली वैकेंसी, 10वीं पास वाले जल्द करें आवेदन 2:13
भारतीय डाक द्वारा AP पोस्टल सर्कल, दिल्ली पोस्टल सर्कल और तेलंगाना पोस्टल सर्कल के लिए कई पदों पर भर्तियां निकली हैं. यह भर्तियां ग्रामीण डाक सेवक के लिए हैं. बता दें कि इन भर्तियों की कुल संख्या 3हजार 6 सौ 79 से अधिक है. इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे जा चुके हैं. जो इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे 26 फरवरी, 2021 तक या उससे पहले आवेदन कर सकते हैं. आपको बता दें कि एपी डाकघर, दिल्ली डाकघर और तेलंगाना डाकघर में ग्रामीण डाक सेवक भर्ती 2021 की भार्तियां की जा रही है. इसकी प्रक्रिया 27 जनवरी, 2021 को शुरू हुई थी. पदों का विवरण कुल रिक्तियां- 3679 AP GDS- 2296 Delhi GDS- 233 Telangana GDS-1150 आवेदन प्रक्रिया · उम्मीदवार इस खबर में दिए गए लिंक पर क्लिक कर आवेदन कर सकते हैं. https://indiapostgdsonline.in/gdsonlinec3p5/reference.aspx · इसके साथ ही इस लिंक https://appost.in/gdsonline/Home.aspx के जरिए आधिकारिक नोटिफिकेशन भी देख सकते हैं. India Post GDS Recruitment 2021 के लिए योग्यता · उम्मीदवारों के पास भारत सरकार, राज्य सरकारो संघ शासित प्रदेशों के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड स्कूल शिक्षा द्वारा आयोजित गणित, स्थानीय भाषा और अंग्रेजी में उत्तीर्ण अंकों के साथ कक्षा 10 वीं की परीक्षा पास का सर्टिफिकेट होना चाहिए. · उम्मीदवारों ने कम से कम 10 वीं कक्षा तक स्थानीय भाषा का अध्ययन किया हो. India Post GDS Recruitment 2021 के लिए आयु सीमा · उम्मीदवारों की आयु सीमा 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए. · आरक्षित वर्ग के लिए आयु सीमा में छूट दी जाएगी. · ईडब्ल्यूएस श्रेणी के उम्मीदवारों को आयु में किसी भी तरह की कोई छूट नहीं मिलेगी. India Post GDS Recruitment 2021 के लिए चयन प्रक्रिया इन पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जाएगा. India Post GDS Recruitment 2021 के लिए आवेदन शुल्क · यूआर, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस पुरुष और ट्रांसमैन से संबंधित उम्मीदवारों के लिए 100 रुपए का भुगतान करना होगा. · इसके साथ ही एससी, एसटी, महिला, ट्रांसवूमन और पीडब्ल्यूडी श्रेणी से संबंधित लोगों को किसी तरह का शुल्क नहीं देना है. --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message…
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1 PM-JAY Card: आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थियों को मिलेगा मुफ्त PVC कार्ड, कहीं भी करा सकेंगे अपना इलाज 2:23
दरअसल, अब लाभार्थी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आप अपने पात्रता कार्ड मुफ्त में खरीद सकते हैं. बता दें कि सरकार ने कार्ड पर लगने वाले 30 रुपए के शुल्क को भी माफ कर दिया है. यह शुल्क लाभार्थियों को कॉमन सर्विस सेंटर पर चुकाने पड़ते थे. इसके अलावा आब डुप्लिकेट कार्ड या रिप्रिंट जारी करने के लिए 15 रुपए को छोड़कर सीएससी द्वारा लाभार्थियों से शुल्क लिया जाएगा. आपको बता दें, कि नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेंशन टेक्नोलॉजी के तहत आने वाले कॉमन सर्विस सेंटर्स से एक समझौता किया है. इस वजह से लोगों को आयुष्मान भारत एंटाइटलमेंट कार्ड फ्री में मिल रहा है. अब लाभार्थियों को PVC आयुष्मान कार्ड मिलेगा, साथ ही इसकी डिलिवरी भी आसान की जाएगी. सरकार का कहना है कि आयुष्मान कार्ड पीएम-जेएवाई के किसी भी अस्पताल में उपलब्ध होंगे. हालांकि, यह मुफ्त में जारी किए जाते हैं और आगे भी मुफ्त में ही जारी किए जाएगें. बताया जा रहा है कि यह कार्ड कागज वाले कार्ड की जगह लेंगे. अगर यह कार्ड PVC पर प्रिंट होंगे, तो इससे कार्ड का रख-रखाव आसान होगा. लाभार्थी एटीएम की तरह इसे अपने जेब में रखकर कहीं भी ले जा सकते हैं. यह कार्ड लाभार्थियों की पहचान और सत्यापन के तंत्र का एक अहम हिस्सा है. लेकिन ज़रूरी नहीं है कि यह कार्ड आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ लेने के लिए अनिवार्य हो. इस कार्ड के जरिए रोगियों को स्वास्थ्य सेवाएं बिना बाधा के मिल पाएंगी. इसके साथ ही यह कार्ड किसी भी तरह के दुराचार और धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगा. देशभर में कहीं भी कराएं इलाज इस कार्ड के जरिए लोगों को मुफ्त में इलाज मिलेगा. इससे गरीबों को काफी फायदा होगा. खास बात यह है कि इस कार्ड से आप देशभर में कहीं भी किसी भी अस्पताल में जाकर अपना इलाज मुफ्त में करा सकते हैं. कार्ड बनवाने का शुल्क समझौता ज्ञापन के अनुसार यह तय किया गया है कि जब कॉमन सर्विस सेंटर पहली बार आयुष्मान कार्ड जारी करेगा, तब राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा 20 रुपए की एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाएगा. --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message…
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